Published on June 11, 2022 10:15 am by MaiBihar Media

सीवान के दिवंगत पूर्व सांसद डॉक्टर मुहम्मद शहाबुद्दीन के बदले दूसरे की परीक्षा में शामिल होने के मामले में श्री कृष्णा जुबली लॉ कॉलेज, मुजफ्फरपुर के पूर्व प्राचार्य जयंत कुमार 17 साल बाद बरी किए गए। अपको बता दें कि मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने यह पहला फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद पूर्व प्राचार्य की अधिवक्ता सुनीता कुमारी ने बताया कि सबूत के अभाव में विशेष न्यायालय ने पूर्व प्राचार्य जयंत कुमार को बरी किया है।

जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार सेशन 2003-2004 में सीवान जिले के पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन लॉ के छात्र के रूप में एडमिशन लिया था । वर्ष 2005 में 21 से 29 सितंबर के बीच द्वितीय वर्ष की परीक्षा का सेंटर आरडीएस कॉलेज में था। लेकिन, आरोप था कि पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन के स्थान पर शफरूद्दीन व एक अन्य को परीक्षा देने के लिए शामिल कराया गया था। जिसके बाद आरडीएस कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य तौहीद आलम, सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन, एसकेजे लॉ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ जयंत कुमार के साथ कुल 19 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया था।

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75 % उपस्थिति के बगैर फॉर्म भराने का था आरोप
एसकेजे लॉ कॉलेज के पूर्व प्राचार्य पर डॉ जयंत कुमार पर यह भी आरोप था कि वे 75 प्रतिशत उपस्थिति के बगैर ही पूर्व सांसद को परीक्षा में शामिल होने की स्वीकृति की दी। वहीं बरी होने के बाद पूर्व प्राचार्य ने कहा कि उनका कही हस्ताक्षर नहीं था। वो शहर में थे भी नहीं। जो इंचार्ज बनाए जाते हैं, वहीं इसे देखते हैं। लेकिन, हेड ऑफ इंस्टीच्यूशन होने के कारण उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया। आपकों बता दें कि सीवान के पूर्व सांसद सैयद मुहम्मद शहाबुद्दीन व प्राचार्य तौहिद आलम का निधन हो चुका है।

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