Published on May 22, 2022 2:59 pm by MaiBihar Media

इस बार मॉनसून समय से पहले आ सकता है। कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों को यह सलाह दी जा रही है कि मौसम सिस्टम के आधार पर खेती करना सेहतमंद साबित हो सकता है। धान का बिचड़ा गिराने का समय हो चुका है। इसलिए किसान नयी तकनीक का इस्तेमाल करें। ताकि बिचड़ा समय पर तैयार हो जाए। पहली बारिश में ही धान की रोपाई काफी फायदेमंद रहेगी।

ये होंगे फायदे

▪मॉनसून के समय बिचड़ा तैयार रहेगा।
▪धान की रोपाई समय से होगी। पानी का खर्च नहीं बढ़ेगा।
▪जुलाई में ज्यादा बारिश होगी तो फसल को डुबने का खतरा कम होगा।
▪कटनी के समय खेतों में नमी रहने से धान के दाने अधिक पुष्ट होंगे।
▪समय से आनाज का भंडारण होगा।

15 दिन आगे खिसका मौसम चक्र
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सामान्यत मौसम चक्र 15 दिन आगे कि ओर खिसक गया है। नतीजतन 15 दिन आगत खेती करनी होगी। पाछत खेती करने वाले न तो अनाज का भंडारण कर पाते हैं तथा न हीं ज्यादा मनी कमा पाते हैं।

यह भी पढ़ें   भागलपुर : लूडो में जीत की रकम मांगने पर किशोर को सीने में मारी गोली, मौत

इसलिए पिछड़ती है खेती

पहले से पैटर्न रहा है कि किसान 25 मई से 30 जून तक बिचड़ा गिराते थे। जबकि 10 जून से 30 जून तक मान्य का पीक समय है। ऐसे में ज्यादा बारिश बिचड़े के लिए नुकसानदेह बन जाती है। धान की रोपाई 25 जून से 31 जुलाई के बीच होती है। पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि मॉनसून 15 जुलाई खे बाद कुछ समय के लिए सिथील पड़ जाता है। फिर किसान रोपनी के परेशान होने लगते हैं।

ऐसा बदलाव जरूरी
▪बिचड़ा गिराएं 15 मई से 20 जून
▪रोपाई करें 15 जून से 15 जुलाई
▪अच्छी बारिश 15 जून से 25 जुलाई

यह भी पढ़ें   गया : कैश नहीं निकला तो एटीएम ही ले भागे नकाबपोश चोर
close

Hello 👋
Sign up here to receive regular updates from MaiBihar.Com

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.