Published on April 17, 2022 10:39 am by MaiBihar Media
कोरोना की मार से लोग अबतक उबर नहीं पाए हैं कि इधर बढ़ती महंगाई ने गरीबों व मध्यमवर्गीय परिवार की कमर तोड़ दी है। बाजार में हरी सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो जाने की वजह से गरीबों एवं साधारण यानि कि मध्यम वर्गीय परिवारों की थालियों से हरी सब्जियां गायब होती जा रही है। पहले की कोरोना की बजह से कई लोगों के रोजगार छिन गए। जिससे अनेकों लोग बेरोजगार और कर्जदार होते चले गए। जब कोरोना से हालात सुधरे तो एकाएक मंगाई सिर पर चढ़कर बोलने लगी।
बाजार में झिंगुनी 70 से 80 रुपए किलो
मौजूदा समय में भिंडी 60 रुपए किलो, बोड़ा 60 रुपए किलो, बैंगन 40 से 50 रुपए किलो, नेनुआ 40 से 50 रुपए किलो, झिंगुनी ( सतपुतिया) 70 से 80 रुपये किलो, कच्चा केला 40 रुपये किलो बिक रहा है। जिसके कारण गरीब एवं साधारण परिवार के भोजन की थालियों से हरी सब्जियां गायब होने लगी है। किलो के हिसाब से बिकने वाली सब्जियां अभी मौजूदा समय में पाव के हिसाब से बेची जा रही हैं।
गैस की कीमत बढ़कर 1060 रुपये प्रति सिलेंडर
पहले तो ईंधन महंगा हुआ, फिर आटा, चावल, तेल, मसाला, रिफाइंड तेल, दूध, चाय पत्ती इत्यादि की कीमत बढ़ने लगी। एकाएक रसोई गैस की कीमत बढ़कर 1060 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया। इसी बीच हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी।