Published on April 12, 2022 10:14 am by MaiBihar Media
झारखंड के देवघर में त्रिकुट पहाड़ पर अब भी बचाव कार्य जारी है। वहां लोगों की भीड़ भी काफी जमा हो गई है। सभी लोग अपने-अपने स्तर से मदद कर रहे है। लेकिन, रोप-वे पर 14 जिंदगियां फंसी हैं। सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ ने सोमवार दोपहर 12 बजे एमआई-17 हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। शाम तक 33 श्रद्धालुओं को बचाया गया। हालांकि अंधेरा छाने के कारण 14 लोग अब भी फंसे हैं। दो की मौत हो गई।
सेफ्टी बेल्ट टूट जाने के दौरान हुआ हादसा
शाम साढ़े पांच बजे रेस्क्यू के वक्त 48 वर्षीय पर्यटक का हेलीकॉप्टर में चढ़ने के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट गया। इससे वह करीब डेढ़ हजार फीट गहरी खाई में गिर गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लोगों तक पहुंचाया जा रहा खाना-पानी
इससे पहले सोमवार सुबह वायुसेना का हेलीकॉप्टर पहुंचा। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने से पहले हवाई सर्वे किया गया। केबिन में फंसे लोगों तक खाने का पैकेट और पानी पहुंचाया गया। सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ दो तरीके से रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं। पहला- वायुसेना हेलीकॉप्टर से ट्रॉली में फंसे श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट कर एयरपोर्ट लाया।
हादसा रविवार को शाम चार बजे हुआ था
वहीं, सेना और एनडीआरएफ रोप-वे के तारों पर रस्सी बांधकर श्रद्धालुओं को नीचे उतारा। हादसा रविवार शाम करीब चार बजे तब हुआ था जब पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियां रवाना की गईं। इससे तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं। इससे दो ट्रॉलियां नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो की मौत हो गई। बाकी ट्रॉलियां तार में उलझकर अटक गईं।
डर खत्म करने के लिए एक-दूसरे से करते रहे बात
48 लोग पूरी रात ट्रॉलियों में भूखे-प्यासे फंसे रहे। रेस्क्यू किए लोगों ने बताया, डर खत्म करने के लिए हम एक-दूसरे से बात करते रहे। पूरी रात सो नहीं पाए। भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि कैसे भी बच जाएं। 19 घंटे तक ट्रॉली में फंसे रहे संदीप ने कहा, लग रहा है जैसे बाबा बैद्यनाथ ने दूसरा जन्म दिया हो। मैं रात भर लटकी ट्रॉली के दर्दनाक अनुभव को बयां नहीं कर सकता। यह डरावना था।