Published on March 14, 2022 11:40 am by MaiBihar Media

गोपालगंज जिले में शुक्रवार की रात तीन लोगों की अलग-अलग गांवों में मौत संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद रविवार को भी चार लोगों की जान चली गई। जानकारी के अनुसरी कुचायकोट के शिवराजपुर गांव निवासी हीरालाल साह खेती किसानी का काम करते थे। परिजनों ने बताया कि शनिवार को दिन भर काम के बाद बाजार से खरीदारी कर घर लौटे। घर लौटने के बाद पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत की । परिजन जबतक कुछ समझ पाते दर्द काफी तेज हो गया और मौत हो गई। वहीं शिवराजपुर गांव के रहने वाले हरेंद्र यादव की भी शनिवार की शाम अचानक उल्टी और पेट दर्द की शिकायत हुई। गोरखपुर में जाने के क्रम में रास्ते में ही हरेंद्र यादव ने दम तोड़ दिया।
कुचायकोट में भी एक की गई जान
एक अन्य घटना में कुचायकोट के रामगढ़वा गांव निवासी साहेब लाल यादव की भी शनिवार की शाम पेट में दर्द और उल्टी शुरू हुई । परिजन जब तक उन्हें अस्पताल ले जाते रास्ते में ही उनकी मौत हो गई । तीनों ही मृतकों के शव का अंतिम संस्कार परिजनों ने आनन- फानन में कर दिया । हालांकि इस संबंध में परिजनों ने इसे बीमारी से हुई मौत ही बताया है।
बैकुंठपुर में संदिग्ध स्थिति में एक की गई जान
बैकुंठपुर के सिरसा पुराना टोला में रविवार की शाम एक 65 वर्षीय एक वृद्ध की मौत हो गई। मृत वृद्ध का नाम कृष्णा साह बताया जा रहा है। कृष्णा साह के परिजनों ने बताया कि कृष्णा साह पिछले तीन दिनों से बीमार चल रहे थे। रविवार की दोपहर अचानक जब हालत बिगड़ने लगी तो इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों ने कहा कि कृष्णा साह अचानक आंख से कम दिख देने की शिकायत करने लगे। जांच के बाद डॉक्टरों ने सदर अस्पताल गोपालगंज के लिए रेफर कर दिया। गोपालगंज जाने के दौरान वृद्ध की मौत रास्ते में ही हो गई। वृद्ध की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है।
पुलिस के लफड़े व बदनामी से डर रहे लोग
वहीं इस मौत की घटना के बाद ग्रामीणों ने दबी जुबान में बताया कि शराब पीने के चलते ही सभी की मौत हुई है। एक ग्रामीण ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि शराब पर सख्ती के बाद धंधेबाज अब तरह-तरह की जहरीली दवाओं से शराब बनाने की तरकीब को ढूढ निकाला है। लोग शराब का सेवन करते है और मौत पक्की हो जाती है। परिजन भी पुलिस के लफड़े में नहीं पड़ना चाहते और स्वभाविक मौत बताकर मामले का रफा-दफा कर देते है। पुलिस के लफड़े व बदनामी के चलते आनन-फानन में शव को दफना या जला दते है।

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