Published on March 9, 2022 11:09 am by MaiBihar Media

राज्य में शराबबंदी को लेकर कुछ ढील देने के मूड में राज्य सरकार आई है। पहली बार गाड़ी पकड़े जाने पर उसे जब्त करने की बजाए जुर्माना लेकर उसे छोड़ा जा सकेगा। इसमें बड़े और मालवाहक वाहन शामिल नहीं होंगे। प्राइवेट छोटी गाड़ियों, जिसमें कम मात्रा में शराब मिलेगा, उसे ही यह छूट मिलेगी। अब शराब मामलों का ट्रायल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी कर सकेंगे। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। दरअसल, राज्य में शराबबंदी कानून में दूसरी बार संशोधन करने का प्रस्ताव है। संशोधन का उद्देश्य कोर्ट में लंबित मामले को कम करने के साथ बड़े शराब माफिया और तस्करों को जल्द से जल्द सजा दिलाना भी है। नए प्रावधान में सजा और जुर्माना कम किये जाने की योजना है। इस संशोधन के बाद न्यायालयों में लंबित मामलों का दबाव कम होगा और बड़े शराब माफिया और तस्करों के मामलों की सुनवाई जल्द पूरी हो सकेगी। उनका ट्रायल जल्द पूरा कराकर सजा दिलाने की दर भी बढ़ाई जाएगी। शराबबंदी कानून के सेक्शन 62 में बदलाव करने की तैयारी है। नए प्रावधान के अनुसार जिस जगह से शराब बरामद होगी, उसे अब एएसआई भी सील कर सकेंगे। अभी यह अधिकार एसआई और ऊपर के अधिकारियों को दिया गया है। संशोधन के प्रावधान के अनुसार जब्त की गई शराब अगर किसी वजह से सुरक्षित ले जाना संभव नहीं है तो उसे बरामदगी वाली जगह पर ही जिलाधिकारी के निर्णय से नष्ट किया जा सकेगा। इसके लिए जिलाधिकारी अधिकारी की तैनाती करेंगे और उसका सैंपल सबूत के तौर पर रखेंगे। अधिकारी इलेक्ट्रानिक एविडेंस के रूप में रिपोर्ट डीएम को देंगे।

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