Published on January 19, 2022 12:02 pm by MaiBihar Media
मास्क जांच अभियान चलाकर लोगों की जांच की जा रही है। यह अभियान पुलिस का एक कमाई का जरिया भी बना है। लोगों का आरोप है कि सड़क पर खड़ी पुलिस उनके के साथ जमकर मनमानी कर रही है। इसी कड़ी में बेवजह एक युवक का मास्क न लगाने के आरोप में चालन काटना पुलिस वालों को महंगा पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लिया है। मामला यह है की एक युवक की युवक का मास्क न पहनने को लेकर पुलिस वालोंे ने चालान काट दिया। वीडियो में एक युवक जहानाबाद जिले के घोसी थाने में हंगामा करता दिख रहा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
नालंदा जिला निवासी बाइक सवार युवक का दावा है कि वह हेलमेट और मफलर से अपना सिर और चेहरा ढक कर अपनी यात्रा कर रहा था, इसके बावजूद पुलिस ने रोककर जबरन मास्क न पहनने का आरोप लगाकर चालान काट दिया। शिकायत लेकर जब वह घोसी थाने पहुंचा तो वहां बैठे पुलिसकर्मी बीना मास्क के बैठे थे। जिसे देखकर युवक अपने मोबाइल से वीडियो बनाने लगा। इस दौरान बिना मास्क के थाने में बैठे एएसआई अमरेंद्र कुमार से उसकी नोकझोंक हो गई। उसे वीडियो बनाता देख एएसआई वहां से उठकर निकल जाते हैं।
घोसी थाने की पुलिस ने काटा था चालान
दरअसल, रविवार को घोसी की पुलिस जांच अभियान चला रही थी। बाइक सवार एक युवक का मास्क नहीं पहनने पर चालान काट दिया गया। कुश कुमार नामक युवक अपने ननिहाल सिसरा गांव जा रहा था। उसने मफलर और हेलमेट पहन रखा था। इसके बावजूद पुलिस ने रोककर जबरन मास्क नहीं लगाने के आरोप में चालन काट दिया। जिसके बाद वह घोसी थाने पहुंचा। वहां कई पुलिसवाले बिना मास्क के थे। जिसके बाद वह वीडियो बनाने लगा और बिना मास्क के बैठे होने पर कारण पूछने लगा। मौजूद पुलिसकर्मिया ने कहा कि तुम एसपी हैं, जो तुमकों जानकारी दें। युवक नालंदा जिले का रहने वाला है
सीएम ने वीडियो को नालंदा व जहानाबाद के एसपी को भेजा
आपकों बता दें कि अब यह मामला तूल पकड़ चुका है। सीएम ने मामले की पूरी जांच के लिए जहानाबाद और नालंदा के एसपी को अपने ऑफिशियल ईमेल के माध्यम से निर्देश दिया है। युवक ने सीएम, डीजीपी, प्रधान सचिव, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्री कार्यालय समेत घोसी थानेदार व जहानाबाद जिलाधिकारी और एसपी को ईमेल के माध्यम से वीडियो भेजते हुए मामले की शिकायत की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने जहानाबाद और नालंदा एसपी को फारवर्ड कर दिया है ताकि मामले की गहनता से जांच हो सके।