Published on January 18, 2022 12:20 pm by MaiBihar Media
शराब बंदी कानून को लेकर सरकार के फैसले को लेकर नीतीश सरकार बैकफूट पर जाती दिख रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के टिप्पणी के बाद राज्य सरकार ने मद्य निषेध कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस संशोधन में नए प्रस्ताव के अनुसार कई कानूनों में बदलाव किया गया है, जो लोगों के हित में है। सूत्रों का कहना है कि आगामी बजट सत्र में इस संशोधन विधेयक को पेश भी किया जा सकता है। मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने स्तर पर प्रस्तावित संशोधन का विश्लेषण कर रहे हैं।
जानिए क्या है नए प्रस्ताव में
नए प्रस्ताव के मुताबिक अब शराब पीते पकड़े जाने पर पुलिस या मद्य निषेध विभाग के अधिकारी ऑन द स्पॉट फैसले लेकर छोड़ सकेंगे, यानी अब शराब पीने पर अब जेल नहीं जाना होगा। लेकिन रिपीटेड जुर्म करने वालों को जेल भेजे जाने का भी प्रावधान का प्रस्ताव है। वहीं, नए प्रस्ताव में कहा गया है कि अपराध की गंभीरता के आधार पर केवल जुर्माना या जेल अथवा जुर्माना और जेल दोनों के दंड मिल सकते हैं। शराब से संबंधित सामान्य मामलों में राहत देने पर भी विचार चल रहा है। शराब के धंधे में पकड़े गए वाहन जब्ती के बाद पैनल्टी लेकर छोड़ने का भी प्रावधान नए संशोधन में हो सकता है।
जबकि शराब से संबंधित मामलों के जल्द निपटारे के लिए जिलों में न्यायालय की संख्या बढ़ाने की भी व्यवस्था हो सकती है। मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम-2016 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर इससे गृह और विधि विभाग के पास भेजा गया है। विभागों से मिले सुझाव के आधार पर बदलाव किया जाएगा।
अलग-अलग हो सकता है कोर्ट
मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम-2016 संशोधन प्रस्ताव में शराब बेचने और पीने के आरोप में पकड़े गए लोगों के लिए अलग-अलग कोर्ट बनाने का प्रावधान हो सकता है। इसके लिए जिलों में न्यायालयों की संख्या भी बढ़ाने का प्रस्ताव हो सकता है। ताकि अलग-अलग मामलों में आपराधिक और दीवानी प्रक्रिया के तहत मुकदमों का जल्द निष्पादन किया सके। हर जिले में ऐसे मामलों के लिए विशेष न्यायालय भी स्थापित करने की बात होने की संभावना है।
इस नए प्रस्ताव से पहले क्या था शराबबंदी कानून (संशोधन 2018 में)
बिहार मद्य निषेध और उत्पाद शुल्क (संशोधन) कानून2018 के तहत शराब पीते हुए पकड़े जाने के अपराध को जमानती बनाया गया। शराब पीते हुए पकड़े जाने पर पुलिस स्टेशन में ही जमानत का प्रावधान है। पहली बार पकड़े जाने पर कोई भी जेल नहीं भेजने का प्रावधान है। वहीं, 50,000 रुपए का जुर्माना अदा करने के बाद दोषी को रिहा का प्रावधान है। यदि कोई दोषी जुर्माना अदा करने में विफल रहता है, तो उसे तीन महीने जेल का प्रावधान है, जबकि मूल कानून में 10 साल की जेल का प्रावधान था। अगर काई दूसरी बार शराब पीते हुए पकड़े गए तो एक लाख रुपए का भुगतान नहीं तो एक साल जेल का प्रावधान है। संशोधन के बाद अब यह कानून भी बदल जाएगा। जिससे लोगों को पहले के मुकाबले राहत मिलेगी।