Published on December 10, 2021 11:31 pm by MaiBihar Media
प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। निबंधित 4.06 लाख रैयत (जमीन मालिक) व 8.96 लाख गैर रैयत (बटाईदार) किसान हैं। जिसे इस रबी फसल के नुकसान का लाभ मिलेगा। दरअसल, 2020-21 में गेहूं, तेलहन, दलहन, प्याज व आलू सहित रबी फसलों के नुकसान के लिए फसल सहायता योजना की राशि किसानों इस माह के अंत तक मिल जाएगी। राशि भेजने की शुरूआत कर दी गई है। प्रथम चरण में 42 हजार 180 किसानों के खाता में 17 करोड़ 50 लाख 71 हजार रुपए भेजी गई है। विभिन्न स्तरों पर जांच रिपोर्ट के बाद किसानों के खाता में राशि भेजी जा रही है। इस योजना के तहत 2020-21 रबी मौसम में राज्य के 13-33 लाख किसानों ने ऑनलाइन निबंधन कराया था।
गौरतलब हो कि जांच के बाद लगभग दो लाख से अधिक किसानों को इस योजना के तहत राशि मिलने की संभावना है। पंचायत स्तर पर फसल कटनी के आधार पर नुकसान का आकलन कर किसानों के खाता में राशि भेजी जाती है। पंचायतवार फसल कटनी के आधार पर फसल क्षति का आकलन फसल सहायता राशि देने का प्रावधान है। फसल की क्षति 20 प्रतिशत से कम चाहे आधा प्रतिशत ही क्षति क्यों न हुई होए किसान को प्रति हेक्टेयर 7500 रुपए मुआवजा दी जाती है। 20 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति पर 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जाता है। एक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए मुआवजा का प्रावधान है। गेहूं, गेहूं, तेलहन, दलहन, प्याज व आलू आदि रबी फसलों के लिए निबंधन 28 फरवरी 2022 तक निबंधन की अंतिम तिथि है।
राज्य में पिछले तीन साल से पीएम फसल सहायता योजना के बदले फसल सहायता योजना शुरू की गई है। इस योजना में बीमा कंपनियों की कोई भूमिका नहीं रहती। किसान को भी कोई प्रीमियम राशि नहीं देनी होती है। सहकारिता विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पहले फसल बीमा योजना में लगभग 300 से 500 करोड़ से अधिक राशि बीमा कंपनियों को बचत होती थी। किसानों को भी 1.5 या 2 प्रतिशत प्रीमियम राशि देनी होती थी। अभी धान सहित खरीफ 2020 की फसल सहायता योजना की राशि किसानों के खाता भेजी जा रही है। इसमें दो किस्त की राशि जा चुकी है। 2018-19 रबी फसल के लिए 180667 किसानों के खाते में 74.40 करोड़ दिए गए थे। 2019-20 में 3 लाख 93 हजार 519 किसानों को योजना का लाभ मिला था। बाढ़, सुखाड़, कम बारिश, अधिक बारिश सहित किसी भी कारण फसल उत्पादन में कमी होने पर इस योजना के तहत राशि दी जाती है।
राज्य के किसानों को दोहरा लाभ
कृषि विभाग इनपुट अनुदान अलग देती है। इसमें संचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 13500 रुपये व असिंचित क्षेत्र के लिए 6500 रुपए प्रति हेक्टेयर किसान को दिया जाता है। इसमें किसी भी किसान को 1000 रुपए से कम नहीं देने का प्रावधान है। रबी 2021-22 के लिए फसल सहायता योजना के तहत 31 दिसंबर तक राई और सरसो फसल के लिए निबंधन कराया जा सकता है।