Published on December 10, 2021 9:25 pm by MaiBihar Media
बोधगया के महाबोधि मंदिर में हुए विस्फोट और बमों की बरामदगी के मामले में आठ आरोपियाें ने अपनी गुनाह कबूल कर लिया। सजा के बिंदु पर सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। सभी ने शुक्रवार को एनआईए की विशेष अदालत में पहले सभी ने अपना गुनाह कबूल किया। इसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया। घटना 19 जनवरी 2018 की है। बताते चलें कि सभी कोर्ट से निवेदन किया कि इस मामले में लंबे समय से जेल में हैं और अपने परिवार, बच्चे, माता-पिता से काफी दिनों से नहीं मिले हैं। वे समाज में पुनः लौटना चाहते हैं, इसलिए उनके आवेदन को स्वीकार किया जाए। बता दें कि हाल ही में इस मामले की घटना से पूर्व महाबोधि मंदिर परिसर में वर्ष 2013 के बम विस्फोट में एनआईए ने इसी विशेष अदालत से 5 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
आरोपियाें के आवेदन पर सुनवाई और उनके बयान के आधार पर अदालत ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निरोधक अधिनियम की धारा 16, 18 और 20 के तहत दोषी करार दिया है। एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में आरोपी अहमद अली उर्फ कालू, पैगम्बर शेख, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख उर्फ असद उल्लाह, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख, मुस्तफिजुर रहमान उर्फ साहिन और आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर की ओर से याचिका दाखिल कर स्वेच्छा से अपना अपराध कबूल किए जाने की बात कही गई थी। सजा के बिंदु पर सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
क्या है बोधगया ब्लास्ट 2018
महाबोधि मंदिर में बौद्ध धर्मावलंबियों की निगमा पूजा चल रही थी, जिसमें बौद्ध धर्म के पावन गुरु दलाई लामा के अलावा कई देशों के बौद्ध धर्म लंबी हो एवं विशिष्ट अतिथि शामिल हुए थे। इसी दौरान मंदिर परिसर में कालचक्र मैदान के निकट एक थरमस फ्लास्क बम का आंशिक विस्फोट हुआ था। इसके बाद स्थानीय पुलिस के द्वारा की गई तलाशी में मंदिर परिसर में दो केन बम भी बरामद किए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए ने आरसी 4/18 के रूप में अपनी प्राथमिकी दर्ज की थी और जांच के बाद मामले में गिरफ्तार किए गए नौ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। सभी नौ अभियुक्त पटना के बेउर जेल में बंद हैं। मामले के नौवें आरोपित जाहिद उल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है और उसके खिलाफ सुनवाई जारी रहेगी।