Published on December 6, 2021 10:57 pm by MaiBihar Media
रबी फसल की खेती का समय आते ही स्थानीय बाजार से डीएपी खाद गायब है। डीएपी खाद के लिए किसान दर-दर की खाक छान रहे हैं। हालात यह है कि खाद का जिक्र करते ही विक्रेता मुंह फेर ले रहें हैं। इस बात से नीतीश सरकार भी अवगत है लेकिन केंद्र के सामने यह बात सरकार रख चुकी है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मीडियाकर्मियों से बातचीत में दी। उन्होंने राज्य में खाद की कमी को स्वीकारा और कहा कि केंद्र से इस मसले पर बात हुई है। एक सप्ताह के अंदर स्थिति सामान्य हो जाएगी। जल्द ही खाद की समस्या को दूर कर लिया जाएगा।
बात सिर्फ सीवान जिले की पचरूखी प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की करें तो यहां लोगों की आजीविका का मुख्य साधन खेती व पशुपालन है। अभी रबी, सरसों, मसूर, चना फसल की बुआई का समय है। लेकिन प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश खाद-बीज की दुकानों में डीएपी खाद नहीं है। यह स्थिति सिर्फ सीवान की ही नहीं बल्कि पूरे बिहार की है। त्रिवेणीगंज से ऐसा ही मामला सामने आया जिसे लालू यादव ने ट्वीट कर नीतीश सरकार और एनडीए पर हमला भी बोला है।
सीवान के विगत कई दिनों से प्रखंड क्षेत्र में खाद की किल्लत बनी हुई है। डीएपी खाद के लिए किसान भटक रहे हैं। खाद की किल्लत से किसानों के बीच हाहाकार मचा है। खाद नहीं मिलने से किसान बिना खाद के ही खेती करने को विवश हैं। बिना खाद के फसल की बुआई कैसे होगी यह अहम सवाल किसानों के बीच उत्पन्न है।फसलों की अधिक उपज के लिए किसान बुआई के समय व बुआई के बाद डीएपी खाद सहित अन्य खाद का प्रयोग करते हैं। लेकिन खाद उपलब्ध नहीं रहने से किसान काफी परेशान हैं। खाद का उपयोग नहीं करने से फसल के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। प्रखंड क्षेत्र सें लेकर छोटे-छोटे बजारों पर अधिकांश खाद दुकानों में डीएपी दाई सहित अन्य खाद किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है। उधर सुपौल के त्रिवेणी गंज में लोग रात को दुकानों के सामने लाइन लगाते लेकिन सुबह खाली हाथ लौटने के बाद उन्हें मायूसी ही हाथ लगती।