मुजफ्फरपुर आंख कांड मामले में मरीजों की आंख निकालने की प्रक्रिया जारी है। इस बाच पांच और पीड़ित शनिवार काे आईजीआईएमएस में भर्ती हुए। शुक्रवार को 10 मरीज भर्ती हुए थे। अबतक यहां 15 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनके इलाज का खर्च राज्य सरकार देगी। वहीं, इससे पहले एसएमकेसीएच में करीब 16 मरीजों का आंख निकाला गया था।
आईजीआईएमएस में भर्ती मरीजों को लेकर वहां के नेत्रराेग विभाग के हेड डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि मुजफ्फरपुर से आए मरीजों का इलाज शुरू हो गया है। सबकी स्थिति और संक्रमण स्थिर है। इन्हें फिलहाल एंटीबायोटिक चलाया जा रहा है। एक मरीज का कॉर्निया ट्रांसप्लांट, एक मरीज की ग्राफ्टिंग और एक मरीज का आपरेशन किया गया।
खास बात यह है कि पीड़ितों के इलाज और मॉनिटरिंग के लिए डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल के मुताबिक परिजनों के रहने और खाने की भी व्यवस्था नि:शुल्क की गई है। परिजनों के रहने की व्यवस्था संस्थान के पावर ग्रिड विश्राम गृह में की गई है।
क्या है मामला
विगत 22 सितंबर को मोतियाबिंद की 65 लोगों ने ऑपरेशन करवाया और लगभग सभी की आखों से रौशनी गायब होने लगी। अबतक कुल बारह लोगों की आंख निकाली जा चुकी है। घटना को लेकर विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात की कड़ी निंदा की है। उधर सरकार की ओर से जांच जारी है।