Published on December 4, 2021 10:55 pm by MaiBihar Media
आय से अधिक संपत्ति मामले में रोहतास के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता का नाम सुर्खियों में है। विजिलेंस ने राजेश कुमार गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक 9011984 रुपए की संपत्ति अर्जित करने का मामला 25 नवंबर को दर्ज किया था। और अब भ्रष्टाचार से अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोपों में घिरे रोहतास के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के घर से विजिलेंस टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। खबर है कि राजेश ने न सिर्फ करोड़ों के फ्लैट और जमीन ही नहीं खरीदे बल्कि सोने के जेवर और बिस्कुट भी खूब ख़रीदी है। अंगूठी और कान की बाली तो दर्जन के हिसाब से खरीदी है। इसकी जानकारी तब सामने आई जब विजिलेंस ब्यूरो ने शनिवार को पटना में बैंक ऑफ इंडिया की बोरिंग कैनाल रोड ब्रांच पहुंची।
गौरतलब है कि विजिलेंस ब्यूरो ने राजेश कुमार गुप्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है। इसी कड़ी में 27 नवंबर को उनके ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की चल-अचल संपात्ति का खुलासा किया गया था। तलाशी के दौरान दो बैंक लॉकरों का भी पता चला था, जिनमें से एक को शनिवार को विजिलेंस ने खोला। एक लॉकर सासाराम के एक्सिस बैंक में है जिसे खोला जाना है। माना जा रहा है कि उसमें भी अच्छी खासी संपत्ति हो सकती है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक विजिलेंस की टीम जब बैंक पहुंची तो राजेश कुमार गुप्ता की पत्नी अमिता रानी गुप्ता के नाम से बैंक लॉकर को खोला गया। अंकूत संपत्ती का ब्यौरा जानकर टीम के सभी सदस्य दंग रह गए। विजिलेंस के अनुसार लॉकर संख्या-54 ए में से सोने की 29 अंगूठी, 25 कान बाली, 3 नेकलेस, 4 चेन, 1 गिल्ली, 14 सिक्के और बिस्कुट बरामद किया गया है। इसके अलावा चांदी के जेवर भी मिले हैं। जब्त जेवरातों का मूल्यांकन रजिस्टर्ड वैल्यूअर से कराया गया है और इसकी वर्तमान कीमत 4736519 रुपए है।
आपको बता दें कि पटना, फारबिसगंज और सासाराम में उनके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 21.83 लाख कैश, 1 किलो 458 ग्राम सोना बरामद किए गए थे। इनमें सोने की पांच बिस्कुट और सोने की पेन भी शामिल थी। इसके अलावा पटना में 6 फ्लैट, पूर्णिया में 4 बीघा जमीन, रांची के रातू में 55 हजार वर्गफुट(करीब एक एकड़ 27 डिसमिल जमीन) से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। रांची के जमीन पर मकान भी बना हुआ है। साथ ही विभिन्न बैंकों के 25 पासुबक, 6 एटीएम कार्ड और दो लॉकर का पता चला था। इसके अलावा विभिन्न शहरों में जमीन से संबंधित 39 डीड व एलआईसी में निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले थे।