Published on December 2, 2021 11:25 pm by MaiBihar Media
बक्सर (Buxar) के डुमरांव में बिना दहेज शादी (Marriage without dowry) कर एक इंजीनियर ने बड़ा मिसाल पेश किया। दरअसल, इंजीनियर ने सामाजिक मान्यताओं को दरकिनार कर गरीब परिवार की लड़की से बिना किसी दान दहेज के शादी किया। दिलचस्प बात यह रही कि दियरांचल में पहली बार किसी दूल्हे की बारात सड़क मार्ग के बजाय हवाई मार्ग से निकली। नाजारा था ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के परसिया गांव का है। दूल्हा बन हेलीकॉप्टर पर उड़ने वाला दुल्हा खुद आंध्र प्रदेश रेलवे में इंजीनियर के पद पर तैनात है।
जानकारी के अनुसार परसिया के सुरेंद्र नाथ तिवारी व उमरावती देवी के पुत्र राजू तिवारी जो आंध्र प्रदेश रेलवे में इंजीनियर है। बुधवार को उनकी शादी भोजपुर जिला के बड़हरा थाना क्षेत्र के रामशहर गांव के स्वर्गीय वीरेंद्र कुमार चौबे व इंदु देवी की पुत्री कृपा कुमारी से हुई। इस शादी के लिए दूल्हा बने राजू ने खास तैयारी की पता हेलीकॉप्टर से ससुराल जाने का निर्णय लिया। गांव में पहली बार हेलीकॉप्टर को देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ गई थी। खास बात यह रही कि लड़के ने लड़की वालों से कोई दहेज तक नहीं लिया। राजू की माने तो दहेज की कुप्रथा में गरीब परिवार की लड़कियों की शादी में अड़चन आती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दहेज मुक्त शादी के आह्वान के बाद वॉइस में शामिल हुआ तथा दहेज मुक्त शादी कर समाज को क्या संदेश देना चाहता है कि दहेज के अभाव में लड़कियों की शादी बाधित न हो।
आठ लाख में तय हुआ किराया
राजू के परिजनों ने बताया कि परासिया से रामशहर जाने के लिए हेलीकॉप्टर वाले ने आठ लाख रुपये किराया लिया है। इस पैसे को राजू खुद दिया है। राजू तिवारी की शादी इतिहास बन गया है। यह पहला मौका है जब भी दियरांचल का कोई दूल्हा हेलीकॉप्टर से शादी करने ससुराल पहुंचा। इसके पहले चुनाव के पूर्व विधायक ददन पहलवान के पुत्र भी हेलीकॉप्टर से अपने ससुराल गए थे।
राजू ने पहली बार ससुराल जाने के लिए जब हवाई मार्ग को चुना तो उसके सामने सबसे बड़ी समस्या प्रशासनिक स्वीकृति की थी। लेकिन बक्सर डीएम अमन समीर ने सुकृति का मोहर लगा उसके सपनों को पूरा होने का मौका दिया।। डीएम के ओएसडी सह डीसीएलआर देवेन्द्र प्रताप शाही ने कहा कि दुल्हा के परिजन के द्वारा हेलीकॉप्टर लैड़िंग के अनुमति के लिए आवेदन दिया गया था। जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों से जांच के बाद सारी गाइड़ लाइन पालन करते हुए अनुमति दी गई है।