Published on December 1, 2021 10:04 pm by MaiBihar Media

बिहार के किसान यूपी में भटक रहे हैं। यह सुनकर हैरान नहीं होईए यह कड़वी सच्चाई है। इसके पीछे सच यह है कि किसानों को बिहार से सटे राज्य यूपी में खाद आसानी से मिल जा रहा है। वहीं, सस्ते दामों में डीजल भी लोग वहीं से खरीदने के लिए मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि बिहार में सरकारी रेट 12सौ की जगह यूपी में उसका 15सौ रुपये देना पड़ रहा है। जिससे काफी परेशानी बढ़ गई है। लेकिन समय से खेत भी भरना जरूरी है, नहीं तो पैदावर में कमी आ जाएगी। धान की कटाई के बाद नवम्बर में गेहूं बोने के लिए डीएपी की जरूरत है, लेकिन यह मिल नहीं रहा है। जिसके लिए उन्हें यूपी में भटकना पड़ रहा है। यहां भटकने के बाद भी समय पर नहीं मिल पा रहा है कि वो खेतों में समय पर डाल सकें।

और तो और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत की वजह से पूरा देश परेशान है। लेकिन बिहार के किसानों की परेशानी ज्यादा है। क्यों कि बिहार में डीजल-पट्रोल अन्य राज्यो की अपेक्षा ज्यादा महंगे है। सरकार किसानों के लिए एक के बाद एक योजनाएं लेकर आ रही है, वहीं पेट्रोल की कीमत जान का फंदा बन चुकी है। नवम्बर महीने में अधिकतर किसान रबी फसलों की तैयारी में लग गए हैं। ऐसे में उन्होंने खेतों की जुताई करनी शुरू कर दी है। आधुनिक तकनीकों की मदद से किसान ट्रैक्टर का इस्तेमाल खेतों की जुताई के लिए करते है। ऐसे में डीज़ल की बढ़ती कीमत ने उन्हें मजबूर कर रखा। जिससे थोड़ी राहत के लिए यूपी से ड्रम भर के डीजल लाते है।

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अब गेंहू की खेती के लिए गेहूं के साथ डीएपी खाद की अति आ आवश्यकता है। लेकिन बाजार से यूरिया खाद व डाई दोनों ही गायब है। जिसके के लिए किसान यूपी सीमा स्थिति दुकानों पर भटक रहे है। जिनकी मजबूरी का लाभ वहां के खाद दुकानदारों द्वारा खूब उठाया जा रहा है। 12सौ की डाई बिहार के किसानों को 15 सौ में दिया जा रहा है। बक्सर जिले के एक किसान ने बताया कि तीन दिन से बक्सर बाजार में खाद को लेकर दुकान दुकान घूमे खाद नहीं मिली। मजबूरन 14सौ रुपये बोरी डाई यूपी के से लेकर हम आ रहे हैं। वहां के लोगों को आधार कार्ड पर यूरिया डाई पर्याप्त मात्रा में मिल रही है। बाहर के लोगों को महंगे दाम पर खाद खरीदने की मजबूरी है। किसान को खाद की किल्लत से हमेशा ही जूझना पड़ता है।जब किसानों को खेती के समय खाद अति आवश्यक होती है। तब बक्सर जिले के बाजार से खाद की समाप्त हो जाती है।जिसके लिए किसान को यूपी के गाजीपुर व बलिया जिला स्थित दुकानों का सहारा लेना पड़ रहा है।

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