बिहार में इनदिनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों पर गंभीर आरोप की खबरे सुर्खियों में है। इस कड़ी में ताजा खबर बुधवार को आई कि आरोपों में घिरे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह से पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति के पद का अतिरिक्त प्रभार छिन लिया गया है। बताया जा रहा है कि उनपर यह कार्रवाई राज्यपाल ने की। बता दें कि एलएनएमयू के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह पर अधिक कीमत पर उत्तर पुस्तिका की खरीद के आरोप के बाद हटाया गया है।
पुरस्कृत कर वीसी पर अगले ही दिन हुई कार्रवाई
दिलचस्प बात यह है कि एलएनएमयू के कुलपति प्रो. एस पी सिंह को मंगलवार को बेस्ट कुलपति का चांसलर अवार्ड मिला है। उस समारोह में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी राजभवन नहीं गए थे। उसके एक दिन बाद ही एसपी सिंह पर कार्रवाई भी हुई। इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की। इस दौरान पाटलिपुत्र विवि के कुलपति और एनओयू के प्रो. वीसी की नियुक्ति पर विमर्श हुआ। माना जा रहा है कि हाल के दिनों में मगध विवि के कुलपति पर निगरानी जांच आदि मामले पर भी चर्चा हुई।
दो नए कुलपति को राज्यपाल ने इन विवियों के लिए किया न्युक्त
इसके बाद पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सह राज्यपाल फागू चौहान ने प्रो. आर. के. सिंह विश्वविद्यालय के नये कुलपति नियुक्त किया। वहीं, प्रो. संजॉय कुमार को नालंदा खुला विवि का प्रो.वीसी नियुक्त किया गया है।
प्रो. सुरेंद्र का तीन साल का होगा कार्यकाल
न्युक्ति के संबंध में जारी पत्र में बताया गाय है कि यह नियुक्ति सर्च कमेटी की अनुशंसा पर की गयी है। प्रो. सिंह का कुलपति के रूप में तीन वर्षों का कार्यकाल होगा। प्रो. सिंह उत्तराखंड के बीटीकेआईटी के ईसीई डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एवं हेड हैं। कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति की अधिसूचना राज्यपाल के सचिव रॉबर्ट एल. चोंगथू के हस्ताक्षर से बुधवार को जारी हुई है।
शिकायत के बाद कुलपति पर हुई कार्रवाई
आपको बता दें कि मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विवि के कुलपति प्रो. कुद्दूस ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एलएनएमयू के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह पर अधिक कीमत पर कॉपी खरीदने का आरोप लगाया था। जब प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विवि के कुलपति के प्रभार में थे, तब उन्होंने लगभग दोगुनी कीमत पर कॉपी खरीद की अनुमति दी थी। एक लाख साठ हजार कॉपियों की आपूर्ति के आदेश दिए गए। भुगतान के लिए उन पर दबाव बनाया गया।
मगध विवि के कुलपति के यहां से मिला था लाखों के महंगे कपड़ें
बताते चलें कि हाल में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र प्रसाद के आवास सहित कई जगहों पर निगरानी की छापेमारी हुई थी। इन पर लगभग 30 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का आरोप है। आय से अधिक संपत्ति का केस और निगरानी रेड के बाद मामला गंभीर हो गया था। इसके बाद मगध विश्वविद्यालय के कुलपति 23 नवंबर से स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अवकाश पर चले गए। मगध विवि के प्रो. वीसी विभूति नारायण सिंह को वीसी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। कुलपति प्रो. राजेन्द्र प्रसाद जिनपर कार्रवाई हुई। उनके घर से विजिलेंस की टीम ने महंगे कपड़े लाखों के बरामद किए। इस दौरान टीम ने बताया कि कुलपति से हिसाब मांगा गया तो नहीं दे पाए। लिहाजा, उनके सारे किमती कपड़े भी विजिलेंस की टीम साथ लेकर चली गई।