मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में भर्ती के दौरान एक बंदी की बुधवार की सुबह मौत का मामला जेल प्रशासन के गले नहीं उतर रहा। दरअसल, बंदी की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पिटाई से मौत होने का आरोप लगाया है। खबर है कि जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस पूरे जिले में शराब-ताड़ी के खिलाफ अभियान चला रही है। इसी में 18 नवंबर को बेला छपरा से चंदेश्वर राम की गिरफ्तारी हुई थी।

जेल प्रशासन ने कहा शराब की लत से हुई मौत
जेल प्रशासन का कहना है कि उसकी मौत शराब की लत (अल्कोहलिक विड्रॉल सिंड्रोम) की वजह से हुई है। जेल में ताड़ी-शराब नहीं मिलने की वजह से 21 नवंबर को वह अचानक छटपटाने लगा। उसके हाथ-पैर कांप रहे थे। ऐसे में तत्काल उसे एसकेएमसीएच भेजा गया। वहां इलाज के दौरान बुधवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया। उधर, बंदी की मौत के बाद मजिस्ट्रेट ने इंक्वायरी की। शव का पंचनामा तैयार हो जाने के बाद डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।

परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का लगाया आरोप
मृतक के साला मंटू का कहना है कि पुलिस 18 नवंबर को छापेमारी के दौरान उसे पीटते हुए थाने ले गई। वहां भी बेरहमी से चंदेश्वर की पिटाई की गई जिसमें उसका दांत टूट गया। हाथ-पैर दोनों में सूजन था। दिमाग में भी चोट लगी थी। इसी से उसकी मौत हुई है। बता दें कि बेला छपरा निवासी चंदेश्वर राम (40 वर्ष) को 18 नवंबर को बेला थाने की पुलिस ने ताड़ी और चुलाई शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उधर, टाउन डीएसपी रामनरेश पासवान ने कहा कि पूर्व में भी वह जेल गया था। नशे का आदी था। पुलिस पिटाई का आरोप बेबुनियाद है। आखिर पुलिस उसे क्यों पीटेगी।

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आंदोलन करने की चेतावनी परिजनों ने दी
इस बीच पूर्व वार्ड पार्षद राजाराम ने कहा कि पुलिस पिटाई से उसकी मौत हुई है। वह इकलौता था। कोई बच्चा भी नहीं है। थानेदार के खिलाफ 302 का मुकदमा चलना चाहिए। कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

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