Published on November 21, 2021 7:46 pm by MaiBihar Media
धान की फसल पककर पूरी तरह तैयार हो चुका है। सरकार ने भी धान अधिप्राप्ति की घोषणा कर दी है। जिससे किसान अब धान की फसल कटाई को लेकर हार्वेस्टर का भी उपयोग करने लगे हैं। हालांकि, धान की पैदावार के साथ पुआल भी पैदा होता है। जबकि अधिकतर किसान हार्वेस्टर से धान कटाई के बाद पुआल जला देते हैं। जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति में ह्रास होने के साथ-साथ वायु प्रदूषण का खतरा भी बढ़ जाता है। पुआल जलाने पर जिले का कृषि विभाग गंभीर हुआ है।
तीन वर्षो तक नहीं मिलेगा अनुदान
दरअसल, कृषि विभाग द्वारा पुआल प्रबंधन पर नई तकनीक का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। जिसका प्रयोग कर किसान मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बरकरार रख कर मानव जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। जिला कृषि पदाधिकारियों ने बताया कि कर्मियों को यह निर्देश दिया गया है कि जिस कृषक के खेत में पुआल जलाने की शिकायत मिलेगी, उस कृषक के परिवार के सभी सदस्यों का कृषक पंजीकरण अपने स्तर से तत्काल प्रभाव से ब्लॉक करें। किसान पंजीकरण ब्लॉक हो जाने पर सम्बंधित किसान कृषि एवं सम्बद्ध विभाग से तीन वर्षो तक कोई लाभ नहीं ले पायेंगे। उन्होने बताया कि सभी कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, बीटीएम, एटीएम को किसानों के घर-घर जाकर पराली प्रबंधन के बारे में जागरुक करने की जवाबदेही दी गई है।
किसानों द्वारा जिला में संचालित कृषि विभाग के कंट्रोल नंबर पर सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जायेगी। इस बाबत सभी बीएओ, कृषि समन्वयक, बीटीएम, एटीएम को सतर्क होकर उर्वरक की निगरानी करते रहने का निर्देश दिया गया है।
किसानों पर रखी जा रही है पैनी नजर
खबर है कि किसान चौपाल व बैठकों के माध्यम से किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ पुआल जलाने पर कारवाई भी किया जा रहा है। साथ ही पुआल जलाने वाले किसानों की निगरानी सेटेलाइट के माध्यम से कराई जा रही है। पुआल जलाने पर कृषि पदाधिकारी द्वारा हार्वेस्टर मालिकों को सख्त निर्देश दिया गया है कि खेतों में धान की कटाई से पहले कृषि विभाग द्वारा हार्वेस्टर संचालन को लेकर विभाग द्वारा अनुमति लेना जरूरी है।
बता दें कि पोटाश फसलों में उपयोगी होने के साथ-साथ मानव जीवन व स्वास्थ के लिए भी बेहतर है। आच्छादन पर फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता आधारित है। इसके लिए सरकार द्वारा ‘‘विहान एप्प’’ का निर्माण किया गया है। इस एप्प के माध्यम से कृषि एवं कृषि से सम्बद्ध फसल का आच्छादन समयबद्ध तरिके से अनवरत करते रहे। विहान एप्प में डाटा प्रवृष्टि नहीं होने पर सम्बंधित कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। लिहाजा, किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।