Google- pic credits

देश में कोयला संकट उत्पन्न होने का असर बिहार में पड़ा है। इस बात को खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने रखा। अब इसका प्रभाव जिलों पर भी दिखना शुरू हो गया है। खबर आई है कि सीवान जिले पर भी बिजली संकट का असर पड़ने लगा है। पहले की अपेक्षा बिजली सप्लाई काफी कम हो गई है। लोगों के बीच हाहाकार मच गया है। बिजली कम सप्लाई से न सिर्फ शहरों में परेशानी बढ़ी है बल्कि गांवों में भी असर दिख रहा है। सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्र पर असर पड़ा है।

10 दिनों में घटा बिजली की आपूर्ति

रिपोर्ट्स की माने तो सीवान जिले में निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई के लिए 150 मेगावाट से ज्यादा बिजली चाहिए। पिछले माह जिले में इतना बिजली आवंटित हो रही थी, लेकिन पिछले 10 दिनों से बिजली सप्लाई में भयंकर कटौती कर दी गई है। जिले में महज 90 मेगावाट ही बिजली की सप्लाई हो रही है। इस वजह से शहर से लेकर गांव तक 5 से 7 घंटे तक बिजली सप्लाई में कटौती की गई है।

यह भी पढ़ें   जदयू और राजद के साथ होने की बात बेकार : ललन सिंह

क्या बोले अधिकारी

सीवान बिजली कंपनी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि जिले में बिजली की सप्लाई में कुछ कमी आई है। यह समस्या 10 दिनों से है, लेकिन दो दिनों से बिजली की सप्लाई में सुधार हो रही है। लोगों को अब पहले की तरह बिजली मिलने लगेगी।

शहरों में भी कट रही है पांच से सात घंटे बिजली

शहरी क्षेत्र में 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान है, लेकिन किसी भी दिन शहरी क्षेत्र में 24 घंटे बिजली सप्लाई नहीं की जा रही है। जिले में करीब 5 से 7 घंटे बिजली सप्लाई में कटौती कर दी गई है। शहर के तरवारा में स्थित बिजली ग्रेड में 85 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन 10 दिनों से 50 से 60 मेगावाट ही बिजली मिल रही है। लिहाजा, बिजली को लेकर हाहाकार मच गया है।

यह भी पढ़ें   सीवान : आज और कल 30 ट्रेनें रहेंगी रद्द, जानिए कौन-कौन सी ट्रेन है निरस्त

रोटेशन वाइज बिजली का किया जा रहा सप्लाई

मिली जानकारी के मुताबिक बिजली की सप्लाई अब रोटेशन वाइज की जा रही है। ताकी किसी क्षेत्र में लगातार बिजली न कटे। बिजली की सप्लाई रोटेशन के आधार पर इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ग्रेड में बिजली कम मिल रही है। शहरी क्षेत्र में व्यवसाय से लेकर कई छोटे-मोटे मशीनरी उद्योग प्राइवेट और सरकारी कार्यालय भी है, जहां निर्बाध रूप से बिजली की जरूरत होती है। बावजूद इसके सप्लाई ठीक से नहीं हो रही है। यही हाल रघुनाथपुर ग्रेड की है। इस ग्रिड को भी जरूरत के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है। इस वजह से इस ग्रिड द्वारा भी स्टेशनों को रोटेशन के आधार पर या कम बिजली दी जा रही है। इससे ग्रामीण इलाकों में भी पहले की अपेक्षा कम बिजली मिल रही है।

यह भी पढ़ें   अकेले नहीं बदला जा सकता बिहार, इसे बदलने के लिए सही लोगों की जरूरत : पीके
close

Hello 👋
Sign up here to receive regular updates from MaiBihar.Com

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.