Published on October 4, 2021 8:59 pm by MaiBihar Media
32 साल पुराने एक मामले में सोमवार को जाप सुप्रीमो पूर्व सांसद पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट बड़ी राहत दिया है। साक्ष्य के अभाव में एडीजे-3 ने बरी कर दिया। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूर्व सांसद शाम तक जेल से रिहा भी हो गए। इस बीच बड़ी खबर सामने आ रही है कि पप्पू यादव बिहार में हो रहे उपचुनाव में तारापुर से चुनाव लड़ सकते हैं। बताते चलें कि 11 मई को पूर्व सांसद को पटना से गिरफ्तार कर मधेपुरा लाया गया था।
मेडिकल के आधार पर डीएमसीएच में थे भर्ती-निचली अदालत के साथ-साथ जिला जज ने भी उनकी जमानत याचिका को रद्द कर दिया। इसके बाद जिला जज ने छह माह में केस की सुनवाई पूरी करने का आदेश निचली अदालत को दिया था। हालांकि पूर्व सांसद फिलहाल मेडिकल ग्राउंड के आधार पर डीएमसीएच में भर्ती थे।
पूर्व सांसद के अधिवक्ता मनोज कुमार अम्बष्ठ ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाहों के बयान दर्ज कराया गया था। लेकिन वे लोग आरोपों के समर्थन में पुख्ता साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर पाए। जबकि 24 सितंबर को सीआरपीसी की धारा-313 के तहत पूर्व सांसद का बयान कोर्ट में दर्ज किया गया था। उन्होंने मामले में खुद को निर्दोष बताया था।
अधिवक्ता अम्बष्ठ ने बताया कि हमलोगों ने अपनी तरफ कोर्ट को लिखकर दे दिया था कि कोई गवाह पेश नहीं किया जाएगा। इसके बाद 30 सितंबर को मामले में बहस हुई। जिसके बाद कोर्ट ने निर्णय सुनाने के लिए 4 अक्टूबर का समय दिया था। सोमवार को कोर्ट ने उन्हें साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
क्या था मामला-
बताते चले की मामला 1989 का था। जिसमें पप्पू यादव को बरी किया गया है। सन 1989 में चुनाव के दौरान मुरलीगंज से दो लोगों का अपहरण किया गया था। इस मामले में मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को नामजद कर मुरलीगंज थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस केस में मुरलीगंज निवासी सूचक सह अपह्रत राम कुमार यादव और उमा य़ादव ने बाद में समझौता कर लिया। साथ ही पप्पू यादव को तत्काल जमानत भी मिल गई थी। लेकिन इस केस में समय पर उचित हाजिरी पैरवी नहीं होने पर पप्पू यादव की जमानत टूट गई थी। उन्हें 11 मई 2021 को पटना से गिरफ्तार कर लिया गया था। 11 मई की मध्य रात्रि में कोर्ट ने पप्पू यादव को न्यायिक हिरासत में वीरपुर जेल भेज दिया था।