राज्य में बालू उपलब्धता की समस्या अब खत्म होगी। इस बाबत शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। शुक्रवार को कैबिनेट ने 18 प्रस्तावों पर अपनी सहमति दी है। जिनमें से एक यह बालू खनन भी शामिल था।
कैबिनेट की मुहर लगने के बाद अब नवादा, अरवल, बांका, बेतिया, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर में जुलाई से बंद बालू खनन आज से शुरु होगा। इन जिलों में अब एनजीटी की रोक खत्म होगी और राज्य में आज से बालू का खनन फिर से शुरु करने की अनुमति मिल जाएगी।
गौरतलब हो कि सरकार ने पुराने बंदोबस्तधारी को ही बंदोबस्ती की राशि पर 50 फीसदी वृद्धि के साथ 31मार्च 2022 तक के लिए अवधि विस्तार दे दिया है। जबकि पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जमुई और लखीसराय के लिए बंदोबस्तधारी खोजने की जिम्मेदारी खनन निगम को दी गई है।
पिछले साल तक राज्य के 14 जिलों में ही बालू का खनन हो रहा था। इन सभी जिलों में बंदोबस्तधारियों को 30 सितंबर तक बालू खनन की अनुमति थी। इनमें पांच जिलों पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास और औरंगाबाद में नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों ने एक मई से ही बालू का खनन बंद कर दिया था। जबकि, गया में बंदोबस्तधारी ने जनवरी में ही बालू का खनन बंद कर दिया था।