Published on September 28, 2021 9:55 pm by MaiBihar Media

बिहार में तारापुर और कुशेस्वरस्थान में उप चुनाव होने हैं। उपचुनाव की घोषणा होते ही लोजपा के चुनाव चिह्न बंगला पर दावेदारी अब होने लगी है। इसे लेकर चिराग पासवान ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखर लोजपा के चुनाव चिह्न बंगला पर अपनी दावेदारी पेश की है। ऐसे में अब यह देखने वाली बात यह होगी की इस मामले पर चुनाव आयोग क्या फैसला लेती है। बंगले की दो फाड़ के बाद से ही चाचा-भतीजे की राजनीतिक उठापटक खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है।

बंगला पर दावेदारी तेज

गौरतलब हो कि रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान ने जिस तरह से बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। शायद इसी वजह से उनके हाथ से पार्टी की कमान चली गई और पार्टी के अध्यक्ष उनके चाचा पशुपति पारस बन गये। और अब एक बार फिर से दोनों के बीच तकरार बढ़ते नजर आ रही है। क्योंकि तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में यह कयास लगायी जा रही है कि इन दोनों सीट से चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस अपने -अपने उम्मीदवार उतारेंगे लेकिन बात एलजेपी के सिंबल पर जाकर फंसती दिख रही है।

लोजपा प्रवक्ता ने दी यह बड़ी जानकारी

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इस बाबत लोजपा चिराग गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एके बाजपेयी ने बताया है कि चुनाव आयोग को पत्र लिखकर लोजपा के चुनाव चह्न पर किसी दूसरे पक्ष के दावे को दरकिनार करने की मांग की गई है। ऐसे में अब बंगला चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग क्या फैसला लेता है और किसके पक्ष में लेता है। यह देखने वाली बात होगी। चुनाव आयोग के इस फैसले पर अब सबकी नजरें टिकी हुई है।

चिराग ने पशुपति के दावे को फिर बताया गलत

आपको बता दें कि आधिकारिक रूप से लोजपा के अध्यक्ष फिलहाल पशुपति पारस हैं लेकिन चिराग पासवान का गुट उन्हें लोजपा का अध्यक्ष नहीं मानता है। चिराग के गुट के लोगों का कहना है कि पशुपति पारस के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति पूरी तरह से गैरसंवैधानिक है। यही वजह है कि चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा। इस पत्र में चिराग ने केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पद पर दावा को पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद बताया है। बता  दें कि चिराग पासवान इससे पहले भी पशुपति पारस के दावे को गलत बता चुके हैं।

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