Published on September 22, 2021 8:28 pm by MaiBihar Media

औरंगाबाद : शहर के जागृति विहार कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम 26 सितंबर तक चलेगा। 27 सितंबर को महाभंडारा के साथ महायज्ञ की समाप्ति की जाएगी। महाभंडारा में सैकड़ों लोगों को प्रसाद ग्रहण करने की व्यवस्था की गई हे। कथावाचिका अनुराधा सरस्वती ने कहा कि श्रीमद्भागवत सुनने से मन का शुद्धिकरण होता है। संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए हरि स्मरण व भागवत कथा श्रवण करना चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है।

कथा से सुनने से मिलती है पितरों को शांति और मुक्ति
कथावाचिका ने कहा कि भागवत कथा का आयोजन करने तथा सुनने के अनेक लाभ हैं। इसे आयोजित कराने तथा सुनने वाले व्यक्तियों-परिवारों के पितरों को शांति और मुक्ति मिलती है। आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति करते हुए आप सांसारिक दुखों से निकल पाते हैं। हर मनोकामना पूर्ण होती है। श्रीमद्भागवत कथा के महत्व को समझाते हुए उन्होंने कहा कि भागवत कथा में जीवन का सारा तत्व मौजूद है। आवश्यकता है निर्मल मन को स्थिर कर कथा श्रवण करने की।

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तपस्या व तीर्थों की यात्रा के फल से भी बढ़कर है श्रीमद्भागवत कथा
आगे उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण सभी ग्रंथों का सार है। भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है। इसकी कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी हैं और आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति किसी तीसरे व्यक्ति को कथा सुनने के लिए प्रेरित करता है तो पहले व्यक्ति को इस बात का भी पूरा फल मिलता है। कथा सुनने का फल सभी पुण्यों, तपस्या व सभी तीर्थों की यात्रा के फल से भी बढ़कर है।

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