Published on September 20, 2021 11:12 pm by MaiBihar Media
कैमुर में आज वन सब्जी महोत्सव का आयोजन किया गया। जहां जिले के वनवासी महिलाओं के द्वारा औषधीय गुणों से युक्त 27 तरह की सब्जियों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी को देखने के लिए क्षेत्र के आसपास के कई गांवों की सैकड़ों महिलाएं यहां मौजूद रहीं।
आयोजन में प्रदर्शनी के साथ सब्जियों की बागवानी तैयार करने व इनके उपयोग के लिए भी महिलाओं व लोगों को प्रेरित किया गया। साथ ही समाज को जागरूक करते हुए वनसब्जी को उद्यान के रूप में विकसित करने की आवश्यकता बताई गई है। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच पोषण बढ़ाने को लेकर रहा।
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगाया गया प्रदर्शनी
गौरतलब हो कि वन सब्जी महोत्सव कार्यक्रम वनवासी कल्याण केंद्र के द्वारा आयोजित की गई। जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा औषधीय वन सब्जीयों के प्रदर्शनी लगाये गये। वनवासी कल्याण केंद्र के क्षेत्रीय ग्राम विकास प्रमुख राघव राणा ने महोत्सव में आए लोगों को संबोधित भी किया और लोगों को इसका महत्व बताया।
क्षेत्रीय ग्राम विकास प्रमुख ने महोत्सव को किया संबोधित
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जनजाति समाज का जीवन आदिकाल से वन आधारित जनजीवन रहा है और आज भी है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, परम्परा की सुरक्षा करते हुए उनके आर्थिक विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। चैनपुरा गांव के आस-पास के 5 गांव है। इन ग्रामों में कृषि विज्ञान केन्द्र अधौरा के द्वारा धान,मक्का,बदाम,अरहर की 53 एकड़ खेत में खेती लगाये गये हैं।
उद्यान के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है
अंत में उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज वनों में पायी जाने वाली वनसब्जी बहु मूल्यवान है। इसे उद्यान के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। क्योंकि उसके प्रयोग से कठिन बीमारी मलेरिया, महिलाओं के रोग, पीलिया रोग,चर्म रोग, गैस्ट्रिक आदि ठीक होते हैं। इसलिए वनसब्जियों को बचाये रखना है, समाजहित में अति आवश्यक है।