बिहार मोटर वाहन अधिनियम 21 (Bihar Motor Vehicle Act) और बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण अधिनियम 21 आज से (15 सितंबर) से लागू कर दिया गया। मोटर वाहन नियमों के तहत सड़क दुर्घटना में किसी की मौत पर परिजनों को 5 लाख रुपए का मुआवजा और घायल को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण आज से लागू
सरकार ने बिहार मोटर वाहन अधिनियम 2021 और बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण अधिनियम 2021 की संशोधित नियमावली जारी कर दी है, जो आज से पूरे राज्य में लागू हों जाएगा। इस कानून में जिला परिवहन पदाधिकारी से लेकर जिला पदाधिकारी तक जवाबदेही तय की गई है। जिसमें आवेदन पर फैसला 60 दिन में करने की समय सीमा तय की गई है। जिलों में डीएम दावा न्यायाधिकरण के मुखिया होंगे।
एसडीओ करेंगे अनुशंसा, डीएम देंगे स्वीकृति
अंतरिम मुआवजा भुगतान के लिए संबंधित जिले के एसडीओ को दुर्घटना दावा जांच पदाधिकारी बनाया गया है। वह सड़क दुर्घटना के बाद संबंधित थानाध्यक्ष, स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल या सदर अस्पताल के प्रभारी और जिला परिवहन कार्यालय से प्राप्त सूचना या प्रतिवेदन के आधार पर मृतकों या आश्रितों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्रवाई करेंगे। सूचना या आवेदन मिलने के बाद एसडीओ दुर्घटना दावा मूल्यांकन पदाधिकारी सह डीएम को इसकी अनुशंसा करेंगे। डीएम के पास ही मुआवजा राशि की स्वीकृति का अधिकार होगा। डीएम से स्वीकृति के बाद जिला परिवहन पदाधिकारी सह जिला सड़क सुरक्षा समिति के सचिव व्यक्ति की पहचान कर मुआवजा राशि का भुगतान करेंगे। इसके लिए आश्रितों को या घायल को ये साबित नहीं करना होगा कि गलती किसकी थी।
एक्सीडेंट के समय गाड़ी का इंश्योरेंस फेल तो वाहन मालिक को देनी होगी मुआवजा की राशि
नए मोटर व्हीकल मैनुअल के अनुसार मृतकों के आश्रितों को दिए जाने वाले मुआवजा या घायलों को दी जाने वाली सहायता राशि की भरपाई बीमा कंपनी से की जाएगी। बीमा कंपनियां गाड़ियों का बीमा करते समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी करती हैं। अगर एक्सीडेंट के समय गाड़ी का इंश्योरेंस फेल निकला तो उसके मालिक को ये पैसा सरकारी खाते में जमा कराना होगा नहीं तो वाहन जब्त कर उसकी नीलामी से पैसा वसूला जाएगा। नीलामी से मिली रकम अगर मृतक या घायल को दिए गए रुपयों से कम निकली तो वाहन मालिक से बाकी पैसे की भी वसूली की कानूनी कार्रवाई होगी।
60 दिनों के अंदर मुआवजा की राशि का भुगतान
एसडीओ संबंधित बीमा कंपनी के नोडल अफसर को सूचना देंगे और बीमा कंपनी उस पर सरकारी खाते में भुगतान करेगी। अगर बीमा कंपनी से मिली रकम मुआवजे की राशि से कम हुई तो बचा हुआ पैसा सरकारी फंड से दिया जाएगा। एसडीओ दावा जांच में ना दुर्घटना का स्थल निरीक्षण किया जाएगा और ना ही किसी की गवाही ली जाएगी। एसडीओ अपनी जांच के बाद मुआवजा राशि या सहायता राशि के भुगतान की सिफारिश जिला पदाधिकारी को करेंगे। डीएम को इस नियमावली के तहत दुर्घटना दावा मूल्यांकन जिला स्तर पर दावा न्यायाधिकरण को हेड करेंगे। डीएम आवेदन प्रक्रिया पर 60 दिनों के अंदर अपना फैसला देंगे और मुआवजा या सहायता राशि का अंतरिम भुगतान कर दिया जाएगा।
एक व्यक्ति की मौत या घायल पर भी मुआवजा
नई नियमावली के बाद अब सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत होने या गंभीर रूप से घायल होने पर भी मुआवजा राशि मिल सकेगी। अभी तक सड़क दुर्घटना में कम से कम एक व्यक्ति की मौत और साथ में एक व्यक्ति के गंभीर रूप से घायल होने पर ही आपदा प्रबंधन मद से मुआवजा मिलता था। अब इसकी अनिवार्यता नहीं रहेगी। आपदा प्रबंधन की जगह अब बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि से मुआवजा दिया जाएगा।