Published on September 11, 2021 10:12 pm by MaiBihar Media

भागलपुर (Bhagalpur) स्थित केंद्रीय कारा (Central Jail) से बड़ी खबर सामने आई है। जहां बताया जा रहा है कि शराब पीने के मामले में जेल गए एक युवक की मौत हो गई है। मृतक की पहचान बंदी महादलित युवक मनोज चौधरी के रुप में की गई है। जानकारी के मुताबिक युवक की मृत्यु इलाज के दौरान मायागंज अस्पताल में शनिवार सुबह मौत हो गई। वह खरीक बाजार के गोल चौक मुसहरी टोला का रहने वाला था। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं। लिहाजा, मनोज की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर पिटाई का आरोप लगा अस्पताल में हंगामा किया।

गौरतलब हो कि शराब (Liquor) पीने के आरोप में खरीक पुलिस ने मनोज चौधरी को गिरफ्तार किया था। कोर्ट में प्रस्तुत करने के बाद खरीक पुलिस 6 सितंबर की शाम में मनोज को लेकर सेंट्रल जेल पहुंची थी। परिजनों का कहना है कि जेल घुसने से पहले मनोज ठीक-ठाक था। लेकिन करीब डेढ़-दो घंटे बाद मनोज की हालत बिगड़ने पर सेंट्रल जेल से निकाल कर उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय उसके शरीर पर चोट के निशान थे। इन्हीं डेढ़-दो घंटे में मनोज की जेल में पिटाई गई।

यह भी पढ़ें   भागलपुर : बम विस्फोट से सात लोगों की गई जान, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

जेल जाने के वक्त मनोज के साथ उसके बहनोई बहनोई पप्पू चौधरी जेल गेट तक गए थे। उनका कहना है कि जब खरीक पुलिस मनोज को लेकर जेल के भीतर गई, तब वह स्वस्थ था। लेकिन जब उसे इलाज के लिए मायागंज ले जाया जा रहा था तो उसकी हालत बिगड़ी हुई थी। हाथ-पैर चोट के निशान थे और वह बेहोश था। जेल के भीतर ही मनोज की पिटाई की गई थी। मृतक की पत्नी मोनी देवी का भी आरोप है कि जेल में पिटाई से उसके पति की मौत हुई है।

वहीं, परिजनों का आरोप निराधार बताते हुए जेल प्रशासन ने कहा है कि मनोज की हालत बिगड़ी हुई थी। तुरंत जेल डॉक्टर ने उसकी जांच की और खरीक थाने के पुलिसकर्मियों के साथ ही मनोज को जेल गेट से ही इलाज के लिए मायागंज अस्पताल भेज दिया गया था। बंदी की मौत के बाद जगदीशपुर सीओ मायागंज अस्पताल पहुंच मामले की जांच की और मृतक का सूरत-ए-हाल तैयार किया।

यह भी पढ़ें   चोरी के आरोप में दो युवकों का बाल-मुंडन कर गांव में घुमाया, मौके पर पहुंची पुलिस जांच में जुटी

आपको बता दें कि मामले में अब बतौर मजिस्ट्रेट जगदीशपुर सीओ की मौजूदगी में बंदी का पोस्टमार्टम होगा और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। मेडिकल बोर्ड बंदी की लाश का पोस्टमार्टम करेगा। मनोज मजदूरी कर परिवार चलता था। उसकी पत्नी मोनी देवी आंगनबाड़ी सेविका है। मनोज के 3 बच्चे हैं। मनोज को कोर्ट में प्रस्तुत करने से पहले पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच कराई होगी। स्वस्थ होने के बाद ही आरोपी को कोर्ट से जेल भेजा जाता है। पेशी के समय कोर्ट में आरोपी से पूछा जाता है कि पुलिस ने मारपीट या दुर्व्यवहार तो नहीं किया है। अब जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो पाएगा कि कैदी की मौत हुई कैसे है।

यह भी पढ़ें   17 तक होगा डीएलएड में नामांकन के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन, इन योग्यताओं का होना जरूरी
close

Hello 👋
Sign up here to receive regular updates from MaiBihar.Com

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.