Published on September 7, 2021 8:58 pm by MaiBihar Media

पुलिस विभाग में नौकरी के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मामला सिवान (Siwan) के मुफस्सिल थाना क्षेत्र का है। जहां सिपाही के पद पर तैनात सुबोध कुमार फर्जी तरीके से पुलिस विभाग में नौकरी ज्वाइन कर लिया था। मंगलवार को पुलिस लाइन के डीएसपी संजीव कांत के निर्देश पर मुफस्सिल थाना प्रभारी ने इस नकली पुलिस को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। गिरफ्तार नकली सिपाही की पहचान कर ली गयी है।

इस बाबत थाना प्रभारी ने बताया है कि पुलिस लाइन में गिरफ्तार सिपाही सुबोध कुमार की ट्रेनिंग चल रही थी। जालसाजी कर बिना अर्हता दूसरे व्यक्ति के नाम पर ज्वाइन कर लिया था। मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया है। एसपी के निर्देश पर कार्यवाई की गई है। जो व्यक्ति सुबोध की जगह पर एग्जाम दिया था उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

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जानकारी के मुताबिक आपको बता दें आरोप है कि गिरफ्तार सुबोध कुमार ने किसी अन्य व्यक्ति से अपनी जगह पर पुलिस विभाग की परीक्षा दिलवाई थी। परीक्षा पास होने के बाद सीवान पुलिस लाइन में वर्ष 2020 में उसके जगह पर परीक्षा देने वाले व्यक्ति ने आकर योगदान भी कर लिया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण ट्रेनिंग नहीं हो सकी थी जिसकी वजह से 10 दिन बाद वह छुट्टी लेकर घर चला गया था। करीब एक साल के बाद अब पहले वाले व्यक्ति की जगह सुबोध ज्वाइन करने के लिए पिछले महीने अगस्त में सीवान पुलिस लाइन आया था। जिसकी गिरफ्तारी हुई है। सुबोध की पहचान भागलपुर अंतर्गत लोदीपुर थाना क्षेत्र के खुटाहा गांव निवासी गुलाब चंद्र यादव के पुत्र सुबोध कुमार के रूप में की गई है।

बताया जा रहा है, सीवान में योगदान करने के बाद किसी ने पुलिस अधीक्षक को सारी बात की जानकारी दी थी। गुप्त सूचना के बाद से अंदर ही अंदर इसकी जांच की जा रही थी, जांच और पुख्ता सबूत होने के बाद पुलिस लाइन के डीएसपी संजीव कांत के नेतृत्व में मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सुबोध कुमार ने गलत तरीके से पुलिस में अपना योगदान दिया है, जिसके बाद पुलिस लाइन डीएसपी संजीव कांत के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया और इसकी जांच शुरू की गई। संजीव कांत ने आरोपी के ज्वाइनिंग के वक्त दिए डॉक्यूमेंट और सिपाही भर्ती के लिए जरूरी शारीरिक दक्षता की माप दंड की जांच की। इस दौरान शारिरिक दक्षता में कमी और आरोपी सुबोध कुमार के चेहरे, हस्ताक्षर और दिए कागजात में भी अंतर पाया गया।

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शुरुआत में जिस व्यक्ति ने ज्वाइन किया था उसने दस दिन तक काम किया और फिर अपने पिता की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर छुट्टी पर चला गया। एक साल तक गायब रहा, इसके बाद सुबोध पिछले महीने अगस्त में सिवान पुलिस लाइन में सेवा देने के लिए पहुंच गया। सुबोध की गिफ्तारी के बाद अब पुलिस फर्जीवाड़ा करने वाले कि तलाश में जुट गई है। आगे की जांच की जा रही है।

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