सारण क्षेत्र में बाढ़ का खतरा ग्रामीणों के बीच अचानक तब गहराने लगा। जब इसुआपुर प्रखंड के पूर्वी छोर पर स्थित गोविंदापुर गांव के डबरा नदी के पुल के पास देर रात नदी का बांध टूट गया। जिससे रातों-रात पानी का तेज बहाव गांव में घुसने लगा। ग्रामीणों ने मिलकर बांध को बांधा और सुबह तक पानी को किसी तरह से रोका। गांव को ग्रामीणों ने डूबने से बचा लिया हालांकि पानी आस-पास के खेतों में फैल गया है।

टूटे बांध की मरम्मत की तब पानी का बहाव रुका। नदी का धार रोकने के लिए गांव के युवाओं ने घरों पर रखे टीन के करकट को उतार कर टूटे बांध पर बांस के खंभों के सहारे टिकाकर नदी के धार को कम किया। वहीं, चिमनी पर ईंट बनाने के लिए रखे मिट्टी को मांग कर ट्रैक्टर व जेसीबी से टूटे बांध की मरम्मत की। तब जाकर तत्काल पानी का बहाव रुका। हालांकि यह भी स्थाई निदान नहीं है । पानी का दबाव बढ़ने पर पुनः बांध टूट जाने का डर बना हुआ है।

घटना की सूचना मिलने पर अंचलाधिकारी पुष्कल कुमार पहुंचे। जिन्होंने पंचायत चुनाव के मध्य मद्देनजर आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि वह इस संबंध में डीएम साहब से मार्गदर्शन लेकर मनरेगा के तहत टूटे बांध की मरम्मत कराने का प्रयास करेंगे।

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ग्रामीणों का आरोप है, नदी के बाद किनारे सड़क को सीधा बनाने के चक्कर में ठेकेदार ने बांध को काटकर नदी किनारे मिट्टी डाल दिया था। जिससे पानी का दबाव बढ़ने से कमजोर पड़ा बांध टूट गया हैै। हालांकि ठेकेदार ने अभी तक सड़क का निर्माण कार्य पूरा भी नहीं किया है। वहीं समय रहते प्रशासन द्वारा भी डबरा नदी के बांध की मरम्मत नहीं कराई जाती है। जिससे बरसात के दिनों में नदी का बांध जगह-जगह टूट जाता है।

वहीं, पानी से प्रभावित आपदा राहत की मांग ग्रामीणों द्वारा करने पर सीओ ने कहा कि बारिश की पानी से तबाही पर आपदा मदद देने का प्रावधान नहीं है। साथ ही कहा कि पानी से घिरे अफजलपुर तथा गोविंदा पुर गांवों के लिए लोगों को घर से निकलने के लिए सरकारी स्तर पर दो नाव की व्यवस्था की गई है । वहीं छपिया पंचायत में भी एक नाव प्रशासनिक तौर पर दी गई है।

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