Published on August 29, 2021 12:02 pm by MaiBihar Media
बिहार सरकार पिछले तीन सत्रों 2018-19, 2019-20 व 2020-21 से एससी, एसटी, पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के मैट्रिक से ऊपर के छात्र-छात्राओं की पेंडिंग छात्रवृत्ति (Scholarship) राशि जल्द देगी। इसकी जानकारी शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) ने दी है। उन्होंने बताया है कि आवेदक छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति राशि देने में आने वाली परेशानी दूर कर लिया गया है। इसके के लिए एनआईसी की मदद से नया पोर्टल www.pmsonline.bih.nic.in शुक्रवार को लांच किया। मालूम हो कि शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, व एससी-एसटी कल्याण मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने संयुक्त रूप से इसे लॉन्च किया। वहीं, मौके पर विडियो कांफ्रेंसिंग से उप मुख्यमंत्री, पिछड़ा व अति पिछड़ा कल्याण मंत्री रेणु देवी (Renu Devi) भी जुड़ी थीं। सत्र 2019-20, 2020-21 औैर 2021-22 के पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए एक साथ आवेदन लिए जाएंगे। बता दें कि स्कॉलरशिप योजना में केंद्र सरकार 25 प्रतिशत और राज्य सरकार 75 प्रतिशत राशि देती है। लंबित स्कॉलरशिप जिलों से जांच के बाद प्राप्त आवेदन पर मुख्यालय से सीधे 15 दिनों के अंदर खाते में राशि भेज दी जाएगी। खास बात यहा है कि शिक्षकों (Teachers) के प्रशिक्षण और बच्चों को आसानी से सीखने की तकनीक बताने आगा खां फाउंडेशन (Aga Khan Foundation) और शिक्षा विभाग के एससीईआरटी के बीच करार किया किया गया।
बहरहा, नए पोर्टल के लॉन्चिंग के समय शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थानों में नामांकन के बाद भी स्कॉलरशिप नहीं मिल सकी है, उसे अब इस पोर्टल के माध्यम से जल्द राशि मिल जाएगी। आवेदन सहित इसमें कई सुविधाएं हैं, जिससे जांच भी आसानी से हो जाएगी। आवेदन के एक माह में सभी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। ऑनलाइन माध्यम से अभ्यर्थी की जाति, आय, आवासीय सहित सभी सर्टिफिकेट आसानी जांच हो जाएगी। पहले ऑफलाइन जांच में देरी होती थी। अब तक यह योजना भारत सरकार के नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल 2.0 के माध्यम से संचालित थी। इसकी जटिल प्रक्रिया के कारण राशि मिलने में देर होती थी। आगे शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी जानकारी के हिसाब से मध्य प्रदेश सहित कई प्रदेशों में स्कॉलरशिप के लिए विद्यार्थियों से डीबीटी शुल्क भी लिया जाता है, लेकिन बिहार में यह निशुल्क है।
एससी-एसटी कल्याण मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन (Dr. Santosh Kumar Suman) ने कहा कि बिहार के लगभग 40 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति पाने वालों की संख्या 94 हजार है। स्कॉलरशिप के लिए अभिभावक की अधिकतम आय सीमा सरकार ने 2.5 लाख से बढ़ा कर 3 लाख कर दिया है। सालाना आय के इस दायरे को और बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि इस वर्ग के अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ मिल सके।
वहीं, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि विभाग के कॉल सेंटर (Call Center) से जोड़ा जाएगा, ताकि विद्यार्थियों को कोई परेशानी हो तो शिकायत दर्ज करा सकेंगे। पोर्टल के माध्यम से समय पर स्कॉलरशिप पारदर्शी तरीके से मिलेगी। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण और किताब को अपडेट करने में आगा खां फाउंडेशन मदद करेगा। बता दें कि 2018-19 में इस योजना में 4,91435 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था। इसमें 322785 के आवेदनों को स्वीकृत कर 170 करोड़ 93 लाख 61 हजार 636 रुपए भुगतान हो चुके हैं।
जिलों से जांच के बाद प्राप्त आवेदन पर मुख्यालय से सीधे 15 दिनों के अंदर जाएगी खाते में राशि इस पोर्टल पर छात्र-छात्राओं की जाति, आवास और आय प्रमाण पत्रों का जांच ऑनलाइन हो जाएगा। राज्य के अंदर के आवेदकों को जिला कल्याण पदाधिकारी और डीपीओ (एसएसए) द्वारा गठित समिति के माध्यम से और राज्य के बाहर के आवेदकों को थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन एजेंसी (टीपीभीए) से जांच करायी जाएगी। संस्थान की जांच के बाद जिला कल्याण पदाधिकारी और डीपीओ (एसएसए) की समिति और टीपीभीए द्वारा सत्यापित
आवेदनों को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अपने लॉगिंग आईडी एवं पासवर्ड से स्वीकृत या अस्वीकृत करेंगे। स्वीकृत और अस्वीकृत दोनों कोटि के आवेदनों के जिला स्तर पर डीडीसी की अध्यक्षता में गठित समिति में रखा जाएगा। समिति द्वारा भुगतान की अनुशंसा पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्वीकृत आवेदनों को ऑनलाइन मुख्यालय को भेजेंगे। मुख्यालय स्तर पर इन आवेदनों को 15 दिनों के अंदर आवेदकों द्वारा दिए गए बैंक खाता में सीधे राशि भेज दी जाएगी।