Published on August 27, 2021 10:20 pm by MaiBihar Media

बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ी घोषणा की है। आयोग ने बताया है कि अगर कोई पंचायत का चुनाव लड़ना चाहता है और उम्र 21 वर्ष इस साल हो रही है तो वह भी इसबार चुनाव लड़ सकता है। आयोग ने इसके लिए शर्त जारी किया है कि नामांकन के बाद पहली स्क्रूटिनी की तिथि को उम्र अगर 21 वर्ष हो रही है तब भी उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं। इसके साथ ही आयोग ने बताया है कि आनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र व अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निवर्चान क्षेत्र में कौन-कौन लड़ सकते हैं चुनाव। वहीं, आयोग ने यह भी जानकारी दी है कि किसी भी सदस्य पद का प्रस्तावक होने के लिए किस चीज की अनिवार्यता जरूरी है। बता दें कि इस बार त्रिस्तरीय चुनाव में सभी पदों के लिए प्रस्तावक की उम्र कम से कम 21 वर्ष निर्धारित की गई है।

सबसे पहले बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अभ्यर्थी पुस्तिका जारी की है। जिसमें नए अभ्यर्थियों के लिहाज से कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं। आयोग ने कहा है कि पंचायत, ग्राम कचहरी के किसी पद या जिला परिषद सदस्य पद का अभ्यर्थी बनने के लिए नामांकन की अंतिम तिथि के बाद प्रथम स्क्रूटिनी(संवीक्षा) की तिथि को उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।

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वहीं, आयोग ने यह भी कहा है कि अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र में अनूसूचित जाति की महिला होना अनिवार्य है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति की महिला पद के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र के लिए अनुसूचित जनजाति की महिला होना अनिवार्य होगा। पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र के लिए पिछड़े वर्ग की महिला होना अनिवार्य होगा। अनारक्षित महिला निर्वाचन क्षेत्र के लिए अभ्यर्थी का महिला होना अनिवार्य है। आयोग ने अभ्यर्थी पुस्तिका में इस बात का भी जिक्र किया है कि कौन कहां से चुनाव लड़ सकता है।

आरक्षित व अनारक्षित क्षेत्र में ये लोग लड़ सकेंगे चुनाव

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अनारक्षित वर्ग-केवल अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र से
अनारक्षित महिला-अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र से
अनुसूचित जाति के पुरुष-अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से
अनुसूचित जाति की महिला-अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र, अनारक्षित महिला निर्वाचन क्षेत्र, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र और अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से।
अनुसूचित जनजाति के पुरुष-अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र से और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से।
अनुसूचित जनजाति की महिला-अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र, अनारक्षित महिला निर्वाचन क्षेत्र, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र और अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से।
पिछड़ा वर्ग के पुरुष-अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र और पिछड़ा वर्ग के आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से।
पिछड़ा वर्ग की महिला- अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र, अनारक्षित महिला निर्वाचन क्षेत्र, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र और पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से।

वहीं, आयोग ने कहा, किसी भी सदस्य पद का प्रस्तावक होने के लिए उसका नाम संबंधित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में होना अनिवार्य है। साथ ही ग्राम पंचायत सदस्य पद का प्रस्तावक बनने के लिए उसका नाम उस प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में होना चाहिए जहां से अभ्यर्थी खड़ा हो रहा है। ग्राम कचहरी पंच के पद का प्रस्ताव बनने के लिए भी यही शर्त होगी। मुखिया के पद का प्रस्ताव बनने के लिए अभ्यर्थी जिस पंचायत से खड़ा हो रहा है वहां की वोटर लिस्ट में नाम होना चाहिए। सरपंच के पद का प्रस्तावक बनने के लिए भी यही शर्त होगी। पंचायत समिति सदस्य पद का प्रस्तावक बनने के लिए संबंधित अभ्यर्थी जिस पंचायत समिति निर्वाचन क्षेत्र से खड़ा हो रहा है वहां की वोटर लिस्ट में नाम होना चाहिए। जिला परिषद सदस्य पद का प्रस्तावक बनने के लिए प्रस्ताव का नाम संबंधित जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में होना अनिवार्य है।

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