Published on August 20, 2021 10:32 am by MaiBihar Media
पंचायत के चुनाव में कौन लोग चुनाव लड़ सकते हैं और कौन नहीं, राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। जिसके अंतर्गत आंगनबाड़ी सेविकाएं और पंचायत सहायिकाएं चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। वहीं, डिलरों के चुनाव लड़ने पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी। आयोग के अनुसार आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ ही पंचायत के अधीन मानदेय-अनुबंध पर कार्यरत पंचायत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र,विकास मित्र, टोला सेवक व अन्य कर्मियों को भी झटका लगा है, वे भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इन सभी श्रेणी के अलावे और भी कई ऐसे पद है, जिनके पदासीन कर्मी चुनाव नहीं लड़ सकते है, अगर वे चुनाव में नामांकन दाखिल करते भी है तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा।
बहरहाल सबसे पहले बता दें कि आयोग के मुताबिक जनवितरण प्रणाली के लाइसेंसधारी विक्रेता और कमीशन एजेंट चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा रिटायर सरकारी सेवक, काम नहीं कर रहे होमगार्ड भी पंचायत का चुनाव लड़ पाएंगे। केवल शुल्क पर नियुक्त होने वाले सहायक सरकारी अधिवक्ता(एजीपी) और अपर लोक अभियोजक(एडिशनल पीपी) पंचायत चुनाव में अभ्यर्थी बन सकते हैं।
वहीं, चुनाव नहीं लड़ने वालों को लेकर आयोग ने बताया है कि विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, विशेष शिक्षा केन्द्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशकों के भी चुनाव लड़ने पर पाबंदी होगी। पंचायत के अधीन मानदेय पर कार्यरत दलपतियों के भी चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी। केन्द्र या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से पूर्णत: या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले शैक्षणिक,गैर शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत,पदस्थापित व प्रतिनियुक्त पदाधिकारी, शिक्षक, प्रोफेसर व शिक्षकेतर कर्मचारियों के भी चुनाव लड़ने पर पाबंदी होगी। कार्यरत होमगार्ड भी चुनाव लड़ने से वंचित रहेंगे। इसके अलावा सरकारी वकील(जीपी), लोक अभियोजक(पीपी), सरकारी वकील जो सरकार द्वारा प्रतिधारण शुल्क(रिटेनर) पर नियुक्त किए जाते हैं। सहायक लोक अभियोजक वेतनभोगी सरकारी सेवक हैं। लिहाजा, वे भी पंचायत के पदों पर अभ्यर्थी नहीं हो सकते। जिन कर्मियों पर आयोग ने रोक लगाई है, अगर वे चुनाव नामांकन दाखिल करते हैं तो स्क्रूटनी के दौरान निर्वाची पदाधिकारी उनका नामांकन रद्द कर देंगे।