Published on August 19, 2021 8:26 pm by MaiBihar Media
भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन की त्यौहार इस बार 22 अगस्त को मनाया जाएगा। राखी बांधने की शुभ मुहूर्त शाम पांच बजकर 30 मिनट तक है। इस बार राखी की तिथि एक दिन पहले 21 अगस्त को लग जाएगी और 22 अगस्त की शाम तक रहेगी। यही वजह है कि उदयातिथि रहने के कारण 22 अगस्त को यह त्यौहार मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर घनिष्ठा और शोभन योग बन रहे हैं। इन दोनों योग बनने के कारण इस त्यौहार का शुभ फल बढ़ जाएगा।
इसबार का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 21अगस्त शाम 7 बजे से, पूर्णिमा तिथि समापन 22 अगस्त 5 बजकर 30 मिनट तक शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 15 मिनट से शाम 5.30 बजे तक रक्षाबंधन की समय अवधि 11 घंटे 16 मिनट
प्रचलित है कई कथाएं
सबसे पहले बता दें कि भाई बहन के बीच प्रेम का प्रतीक है रक्षा बंधन का त्योहार। इसमें बहन भाई को तिलक लगाकर उसके दीर्घायु होने की कामना करती है। भाई भी जीवन भर बहन के सुख दु:ख में साथ निभाने के साथ रक्षा का वादा करता है और स्नेह स्वरूप बहन को उपहार भी देता है। इस त्यौहार को प्राचीन काल से मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस पर्व को हिंदी पंचांग के श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। पूर्णिमा के दिन मनाए जाने की वजह से कई जगह इसे राखी पूर्णिमा भी कहते हैं। राखी के दिन बहने अपने भाई को शाब्दिक अर्थ में बहन रक्षा सूत्र बांधते वक्त कहती है कि जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था। उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूं। अच्छे भाई तुम अडिग रहना अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना।
इसके अलावे कई दन्त कथाएं है। बताया जाता है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार महारानी दुर्गावती ने बादशाह हुमायूं को रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा करने का वचन लिया था। समय आने पर हुमायूं ने एक भाई का धर्म निर्वाह करते हुए दुर्गावती की रक्षा की थी। ठीक इसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण को महारानी द्रोपती द्वारा शिशुपाल के वध के बाद कटे हुए अंगुलियों पर साड़ी की पट्टी बांधा था। जिसे रक्षा सूत्र मानते हुए भगवान कृष्ण ने द्रोपती को भविष्य में रक्षा का वचन दिया था। फलस्वरूप चीर हरण के दौरान उन्होंने द्रोपदी की लाज की रक्षा की थी।