Published on August 11, 2021 2:56 pm by MaiBihar Media
बिहार सरकार ने वित्त रहित हाई स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मियों के हित में बड़ा फैसला लिया है। सरकार उन्हें नई व्यवस्था के तहत अनुदान देगी। इसके लिए सरकार द्वारा सिस्टम को पार्दर्शी बनाने का निर्णय लिया गया है। अब वित्त रहित शिक्षकों और कर्मियों को अनुदान की राशि उनके खाते में सीधे डीवीटी के माध्यम से भेज दी जाएगी। इसकी जानकारी शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दी। उन्होंने यह भी कहा कि यह व्यवस्था जल्द लागू कर दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आगे कहा, अनुदान देने की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार एक सॉफ्टवेयर तैयार करवा रही है। वित्त रहित स्कूलों और कॉलेजों में जब तक पिछली अनुदान की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिल जाएगा। तब तक अगली राशि जारी नहीं की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा, इस व्यवस्था से ना केवल कर्मियों और शिक्षकों को राहत मिलेगी बल्कि सरकार के पास भी दिए जाने वाले अनुदान राशि का हिसाब-किताब होगा।
आपको बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालों के माध्यम से मैट्रिक के इंटरमीडिएट रिजल्ट के आधार पर वित्त रहित स्कूलों को अनुदान दिया जाता है। ग्रेजुएशन में फर्स्ट आने वाले हर छात्र और छात्रा को सरकार 8500 का अनुदान देती है। साथ ही सेकंड जिवीजन से पास होने पर 8000 और थर्ड डिवीजन के लिए 7500 की दर से अनुदान दी जाती है। इसके अलावा सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब सेवाकाल के दौरान मरने वाले नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों की सूची तैयार करने का फैसला किया है। इस बाबत सभी जिलों के दिए डिपीओ को पत्र भेजा है।