Published on August 24, 2021 4:13 pm by MaiBihar Media
पटना: राज्य में गैर जरूरी वस्तुओं का कारोबार करने वाले छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों की स्थिति कोरोना के कारण डगमगा गई है। व्यापारियों का कहना है कि पाबंदियों के चलते उन्हें सप्ताह में 3 दिन ही दुकान खोलने की अनुमति है। ऐसे में वे 1 महीने में 12 दिन ही दुकानें खोल पाते हैं। पाबंदियों को लेकर के पटना के एक खुदरा व्यापारी ने बताया कि हमें पूरे महीने का किराया और वेतन देना पड़ता है। इसके परिणाम स्वरूप हमारे लिए तीव्र वित्तीय संकट पैदा हो गया है। इसलिए सरकार को चाहिए कि इस पर विचार करें।
वहीं, इस मामले में बिहार इलेक्ट्रिक ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश अग्रवाल ने कहा कि दुकानों का मासिक राजस्व 30% से कम था। क्योंकि उन्हें महीने में केवल 12 दिन खोलने की अनुमति है। इससे कई व्यापारी भारी वित्तीय नुकसान के कारण संकट में है। व्यापारियों को 12 दिन दुकान खोलने की अनुमति देकर सरकार ने अन्याय किया है। क्योंकि खुदरा व्यपार करने वालों को पूरे महीने का कर, मकान मालिक को पूरे महीने का किराया और दुकान में काम-काज करने वाले लोगों का पूरे महीने का वेतन भुगतान करना पड़ रहा है। जबकि आमदनी 12 दिन में पूरी नहीं हो पा रही है।
संघ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि हमने इस मामले में उपमुख्यमंत्री को अवगत करवाया था और ऐसे दुकान मालिकों की दुर्दशा को देखने का आग्रह भी किया था लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। आपको बता दें कि एक इलेक्ट्रिक दुकान के मालिक का कहना है कि उनका कुल राजस्व जो लगभग ₹35 लाख रुपया प्रतिमाह था वह प्रतिबंधों के कारण घटकर ₹9 लाख रह गया है। इस तरह हरी निवास परिसर में चल रही, सभी दुकानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।