Published on August 24, 2021 4:11 pm by MaiBihar Media
गोपालगंज के दियारा इलाके में लोगों की परेशानी कम होते नजर नहीं आ रही है। एक फिर लोगों को पलायन का डर बढ़ गया है। दरअसल, गुरुवार की रात 2 लाख 64 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी का स्तर एक फीट से ज्यादा बढ़ गया है। जिससे गंडक नदी उफान पर है और गांवों में भी पानी का स्तर बढ़ रहा है। वहीं, दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने इसको लेकर तटवर्ती गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। अमूमन गंडक में ऐसा उफान अगस्त माह तक देखने को मिलता था लेकिन मानसुन की सक्रियता ने अभी से लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
खतरे के निशान से ऊपर हुई नदी
गोपालगंज जिले में गंडक नदी डेंजर प्वाइंट से ऊपर बह रही है। सदर प्रखंड के पतहरा व मशान थाना में नदी का जलस्तर में खतरे के निशान से 22 सेमी ऊपर है। बैकुंठपुर के मूंजा में खतरे के निशान से 26 सेमी ऊपर बह रही है। बारिश के कारण नदी के जलस्तरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि पिछले पांच दिनों से बारिश रुकने के कारण तटवर्तीय लोगों ने राहत की सांस ली थी और नदी की धरा भी काफी सिमट गई थी। लेकिन 24 घंटे में गंडक का डिस्चार्ज पानी लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बांधो पर शरण लेने वाले तटवर्तीय लोगों के होश उड़ गए है। इधर मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी कर दी है। अगर भारी बारिश हुई तो दियारा क्षेत्र मे हालात बेकाबू हो सकते है। बाढ़ की दहशत, प्रशासन द्वारा जारी अलर्ट, मानसून की सक्रियता तथा मौसम विभाग की चेतावनी के बाद तटवर्ती इलाके के लोग दहशत के बीच जी रहे हैं।
वाल्मीकि नगर बराज से छूटा 2.64 लाख क्यूसेक पानी
बता दें कि 10 अगस्त के बाद ही बाढ़ जैसी स्थिति बनती थी, लेकिन पीछले साल 24 जुलाई को ही बांध टूट गया था। इस बार देखें तो परिस्थितियां पीछले साल से भी भयावह है। गुरुवार की रात 12 बजे बराज द्वारा गंडक में 2 लाख 64 हजार 200 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना है। यह अब तक का दूसरा बड़ा डिस्चार्ज है। इससे पहले 15 जून को 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। तब लोगों के बीच पलायन का खौफ जारी था। जैसे ही सामान्य स्थितियां हुई लोगो फिर से अपने इलाके में वापस जाने लगे थे। लेकिन उन्हें फिर से बाढ़ और पलायन का डर सताने लगा है।